Tuesday, January 25, 2011

दिल्ली में होगा सरनौल का पांडव नृत्य


सरनौल गांव के कलाकारों को दिल्ली में अपनी लोकविधा पांडव नृत्य की प्रस्तुति देने का मौका मिला है। आगामी 11 से 16 फरवरी तक आईजीएनसीए (इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फार आर्ट) की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों के लोक कलाकार जुटेंगे। इसमें सरनौल के कलाकार भी प्रतिभाग करेंगे।

महाभारतकाल की विभिन्न कथाओं का लोकमंचों के जरिये प्रस्तुतिकरण पर आधारित इस कार्यक्रम में सरनौल गांव के पांडव नृत्य की भी प्रस्तुति होगी। इसमें कलाकार पांडव नृत्य के विभिन्न पहलुओं की लोकविधा के रूप में प्रस्तुति देंगे। गौरतलब है कि उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पांडव नृत्य की परंपरा है इसमें अनुष्ठान व रंगमंच के तत्वों का अनूठा मिश्रण है। वहीं सरनौल गांव का पांडव नृत्य अपनी खासियतों के कारण काफी प्रसिद्ध है। सुप्रसिद्ध पांडव नृत्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों सहित इन लोग केरल तथा भोपाल में भी प्रदर्शित कर चुके हैं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली से आये डॉ।सुवर्ण रावत ने बताया कि सरनौल के कलाकार प्रत्येक दिन महाभारत पर आधारित प्रस्तुति देंगे। इनमें पांडव वनवास, जोगटानृत्य, गेडा नृत्य तथा गुप्तवास का मंचन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड से प्रसिद्ध रंगकर्मी डॉ.डीआर पुरोहित के निर्देशन में चक्रव्यूह मंचन व श्रीष डोभाल के निर्देशन में गरुड़ व्यूह की भी प्रस्तुति दी जाएगी।

साभार : जागरण

1 comment:

Anonymous said...

Good News....