Saturday, December 31, 2011
Tuesday, December 20, 2011
Friday, December 16, 2011
रूठे हो किसलिए?
चाँद ने कहा, रूठे हो किसलिए?
हमने कहा दिल टूटा है इसलिए.चाँद ने कहा;
चाहत में ऐसा होता है.
हमने कहा;
चाहत भी तो एक धोखा है.
चाँद ने कहा;
तू उसको भूल जा.
हमने कहा;
तू ये सांसें भी साथ ले जा .
चाँद ने कहा;
दुनिया में कई चेहरे हैं.
हमने कहा;
दिल पे सिर्फ उसी की यादों के पहरे हैं.
चाँद ने कहा;
ये तेरी नादानी है.
हमने कहा;
मत आजमा मुझे इस कदर.
आखिर ये तेरी और मेरी कहानी है.
चाँद ने कहा;
सलाम है तुझे और तेरे प्यार को.
जो बीती तुझ पर मोहब्बत में
तुम क्यों उसको सहते हो?
हमने कहा;
मेरी सांसें तो चलती हैं.
तुझ चाँद की ही यादो से .
तुम दूर गगन में रहते हो.
हम कही ज़मी पर रहते हैं.
चाँद ने कहा;
मेरी सांसें भी चलती हैं.
तेरी यादों से ए-हमदम .
न रूठो तुम अब इस कदर.
हमारी जान जाती है.
हमने कहा;
इस जिंदगी कि रहो में.
कुछ तुम चलो कुछ मैं चलू .
जीवन कभी सूना न हो.
कुछ मैं कहूँ कुछ तुम कहो.
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