पोलैंड के क्राको शहर में उत्तराखंड की लोक-संस्कृति का परचम फहराने के बाद दून में युवा दिलों की धड़कन सुप्रसिद्ध गढ़वाली गायक रजनीकांत सेमवाल की ऑडियो सीडी 'हे रमिए' का विमोचन हुआ। सीडी में गढ़वाली व जौनसारी गीतों के पॉप व रीमिक्स का ऐसा मिश्रण हैं, जिन पर न चाहते हुए भी पांव थिरकने लगते हैं। सीडी का विमोचन स्वयं गायक रजनीकांत सेमवाल ने किया।
इस अवसर पर रजनीकांत ने कहा, कि आज सबसे बड़ी चुनौती अपनी अमूल्य लोक विरासत को नई पीढ़ी को सौंपना है। यह तभी हो सकता है, जब पुराने और वरिष्ठ लोग नवोदित पीढ़ी की पसंद को समझें। युवा पीढ़ी नई धुनों पर अपने लोकगीत सुनना चाहती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। इसी बहाने लोक संगीत में नव प्रयोग का सिलसिला भी शुरू होगा। सीडी में लोक गीतों के साथ रोमांटिक, डांसिंग व खुदेड़ गीतों का अनूठा संगम है। पहला गीत 'पोस्तु का छुमा' चोपती नृत्य पर आधारित है।
दूसरा गीत 'ऐला चाचा' हिपहॉप स्टाइल में है। इसी स्टाइल ने नई पीढ़ी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। गीत 'हे रमिए' एकल प्रेमव्यथा पर केंद्रित है तो तुमारी याद मा प्रेम के पावन संबंधों को उजागर करता है। 'मूखे मिलदी' व 'नीलू ए' जौनसारी प्रेमगीत हैं, जो उत्तराखंडी संगीत के उजले पक्ष की आशा बंधाते हैं।
प्रस्तुति : रावत शशिमोहन पहाड़ी
इस अवसर पर रजनीकांत ने कहा, कि आज सबसे बड़ी चुनौती अपनी अमूल्य लोक विरासत को नई पीढ़ी को सौंपना है। यह तभी हो सकता है, जब पुराने और वरिष्ठ लोग नवोदित पीढ़ी की पसंद को समझें। युवा पीढ़ी नई धुनों पर अपने लोकगीत सुनना चाहती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। इसी बहाने लोक संगीत में नव प्रयोग का सिलसिला भी शुरू होगा। सीडी में लोक गीतों के साथ रोमांटिक, डांसिंग व खुदेड़ गीतों का अनूठा संगम है। पहला गीत 'पोस्तु का छुमा' चोपती नृत्य पर आधारित है।
दूसरा गीत 'ऐला चाचा' हिपहॉप स्टाइल में है। इसी स्टाइल ने नई पीढ़ी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। गीत 'हे रमिए' एकल प्रेमव्यथा पर केंद्रित है तो तुमारी याद मा प्रेम के पावन संबंधों को उजागर करता है। 'मूखे मिलदी' व 'नीलू ए' जौनसारी प्रेमगीत हैं, जो उत्तराखंडी संगीत के उजले पक्ष की आशा बंधाते हैं।
प्रस्तुति : रावत शशिमोहन पहाड़ी
1 comment:
Ys. it hass to STOPED. Janwar bhi humari tarah JEEV hain , unhe bhi Jeene ka pura Haq hain. Keep it up. all the Best.
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